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आखिरी चट्टान तक

मोहन राकेश

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :112
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7214
आईएसबीएन :9789355189332

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बहुआयामी रचनाकार मोहन राकेश का यात्रावृत्तान्त

मनुष्य की एक जाति


पूना। थर्ड क्लास का वेटिंग हाल। इतना रास्ता आने में ही मन बहुत थक गया था। आसपस कोई भी चेहरा परिचित नहीं। अपना आप समुद्र में तैरते तिनके की तरह। गाड़ी के जाने में देर थी। काफ़ी देर इधर-उधर घूमता रहा। फिर निढाल-सा एक बेंच पर बैठ गया। बैठते ही जिन कुछ लोगों पर नज़र पड़ी, लगा कि वे उतने अपरिचित नहीं हैं। चेहरों के अलावा और सब-कुछ पहचाना हुआ था। रूखे हाथ-पैर, उलझे बाल, चीथड़े वस्त्र, खोयी-खोयी आँखें और रोयें-रोयें से झलकती शिथिलता। मैंने उन्हें पहले भी बहुत बार देखा था-रेलवे स्टेशनों पर, फुटपाथों पर और उजाड़ रास्तों पर पेड़ों के नीचे। उसी तरह बैठे और सामने देखते हुए। वे तीन व्यक्ति थे-एक पुरुष, दो स्त्रियाँ। स्त्रियों में एक युवा थी। पुरुष अपने डंडे पर पाँव फैलाये बैठा था। बड़ी स्त्री उकड़ूँ बैठी कुछ चबा रही थी। युवा स्त्री ख़ामोश आँखों से इधर-उधर देख रही थी। मराठा युवतियों की आँखों में जो एक उत्फुल्ल-सौम्य-मदिर भाव रहता है, वह उसकी आँखों में भी था। पर निराशा और शिथिलता ने उस भाव को ढँक लिया था। वह एक बोरे से सिर टिकाये थी। शरीर में कसाव था, पर बैठने के ढीले-ढाले ढंग से लगता था कि शरीर पर दिमाग़ का नियन्त्रण धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। जिस तरह मैं उसकी आँखों में कुछ पढ़ने का प्रयत्न कर रहा था, उसी तरह वह भी मेरी आँखों में कुछ देख पाने का प्रयत्न कर रही थी। हम दोनों के बीच रेलवे का बोर्ड लगा था, जिस पर लिखा था-'मदद चाहिए?' बोर्ड के नीचे सहायक की कुर्सी रखी थी जिस पर कोई नहीं था।

 

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    अनुक्रम

  1. प्रकाशकीय
  2. समर्पण
  3. वांडर लास्ट
  4. दिशाहीन दिशा
  5. अब्दुल जब्बार पठान
  6. नया आरम्भ
  7. रंग-ओ-बू
  8. पीछे की डोरियाँ
  9. मनुष्य की एक जाति
  10. लाइटर, बीड़ी और दार्शनिकता
  11. चलता जीवन
  12. वास्को से पंजिम तक
  13. सौ साल का गुलाम
  14. मूर्तियों का व्यापारी
  15. आगे की पंक्तियाँ
  16. बदलते रंगों में
  17. हुसैनी
  18. समुद्र-तट का होटल
  19. पंजाबी भाई
  20. मलबार
  21. बिखरे केन्द्र
  22. कॉफ़ी, इनसान और कुत्ते
  23. बस-यात्रा की साँझ
  24. सुरक्षित कोना
  25. भास्कर कुरुप
  26. यूँ ही भटकते हुए
  27. पानी के मोड़
  28. कोवलम्
  29. आख़िरी चट्टान

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